‘जह जह जरापरिणओ होइ पई दुग्गओ विरूओ वि ।
1124कुलपालिआइं तह तह अहिअअरं वल्लहो होइ ॥ ३२९ ॥’
  1. ‘कुलवालिआणँ’ गाथासप्त॰, ‘कुलवालिआए’ क ख