विषके दशगुण.

रूक्षमुष्णमतितीक्ष्णमथाशुव्याप्यपाकिलघु चोग्रविकर्षि ।
सूक्ष्ममेव विशदं विषमेतन्मारयेद्दशगुणान्वितमाशु ॥ ४६ ॥

भावार्थः--The Hindi commentary was not digitized.