संसृष्टिरिति । नानालंकाराणां संकरोऽपि......संसृष्टिः । छायेति । प्रतिबिम्बदर्पणवदित्यर्थः । क्षीरं दुग्धम् । पांसुर्धूलिः । चित्रेति । चित्रलिखितवर्णिकावदित्यर्थः ॥