‘तावच्चिअ रइसमए महिलाणं विब्भमा विराअंति ।
जाव ण कुवलअदल700सच्छहाइँ मउलेंति णअणाइं ॥ १६८ ॥’
  1. ‘सच्छाहाइँ’ ख