‘दिअरस्स सरअमउअं अंसूमइलेण देइ हत्थेण ।
पढमं हिअअं बहुआ1082 1083पच्छा गण्डं सदन्तवणं ॥ ३१७ ॥’
  1. ‘बहुआ’ घ
  2. ‘पवठ्ठा’ ख