‘किं गुरुजहणं 1598अह थणभरो त्ति 1599भाअकरअलग्गतुलिआए1600
विहिणो 1601खुत्तंगुलिमग्गविब्भमं1602 वहइ से1603 तिवली ॥ ४८७ ॥’
  1. ‘अह थण’ क ख
  2. ‘भावअकरअ’ क
  3. ‘तूलिआए’ ख
  4. ‘खत्तंगुलि’ क
  5. ‘यगा विम्भम’ क, ‘थणचिब्भमं’ ख
  6. ‘स’ क