845एहिइ सो वि846 पउत्थो 847अहअं कुप्पेज्ज सो वि848 अणुणेज्ज ।
849इअ कस्स वि फलइ 850मणोरहाणँ माला पिअअमम्मि ॥ २४९ ॥’
  1. ‘एहइ’ गाथासप्त॰
  2. ‘वि’ क ख
  3. ‘अहं अ’ गाथासप्त॰ ।‘अहं च’ इति च्छाया च
  4. ‘वि’ क ख नास्ति
  5. ‘इअफलइ कस्स वि’ क ख
  6. ‘मणोरहाण’ क ख ग, ‘मनोरहाण’ घ