‘ता कुणह कालहरणं तुवरन्तम्मि वि वरे विवाहस्स1057
1058जा[व] 1059पंडुणहवआइं होंति कुमारीअ अंगाइं ॥ ३११ ॥’
  1. ‘विवालस्स’ क
  2. ‘जाव’ क, ‘जावं’ ख
  3. ‘पदुणहवआइ’ ख