‘णवपल्लवेसु लोलइ घोलइ 1438विडवेसु वलइ सिहरेसु ।
थवइ थवएसु अ 1439तहा वसंतलच्छी असोअस्स ॥ ४५५ ॥’
  1. ‘विलवेसु’ क ख ग
  2. ‘महा’ क