संध्यादिगत नेत्ररोग वर्णन प्रतिज्ञा.

अतोत्र नेत्रामयमाश्रितामया--। नसाध्यसाध्यक्रमतश्चिकित्सितैः ॥
ब्रवीमि तल्लक्षणतः पृथक् पृथक् । विचार्य संध्यादिगतान्स्वसंख्यया ॥ १७० ॥

भावार्थः--The Hindi commentary was not digitized.