भेद्य रोगोंके नाम.

ग्रंथिःक्रिमिप्रभव एक कफोपनाहः ।
स्यादंजनाक्षिलगणो बिसवर्त्म भेद्याः ॥ २४७ ॥

भावार्थः--The Hindi commentary was not digitized.