गरुडग्रहगृहीत लक्षण.
पक्षिगंधसहितो बहुव्रणः स्फोटनिष्ठुरविपाकदाहवान् ।
स्रस्तगात्रशिशुरेष सर्वतः संबिभेति गरुडग्रहार्तितः ॥ ८२ ॥
भावार्थः--The Hindi commentary was not digitized.
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