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Contents

    • add1: First Pariccheda (Mārgavibhāga) मार्गविभागो नाम प्रथमः परिच्छेदः ।
      • [sūtra] चतुर्मुखमुखाम्भो…
      • [sūtra] पूर्वशास्त्राणि …
      • [sūtra] इह शिष्टानुशिष्ट…
      • [sūtra] एवमन्वयेत लोकयात्रां शास…
      • [sūtra] शास्त्रमेव प्रकारान्तरेण…
      • [sūtra] शास्त्राद् गुणदोषविवेके …
      • [sūtra] यत एवं सर्वत्र गुणदोषविव…
      • [sūtra] क्रियत एव निर्दोषं काव्य…
      • [sūtra] अतः प्रजानां व्य…
      • [sūtra] [काव्यल]क्षणमिदानीं कर्त…
      • [sūtra] [श]रीरं कतिविधमित्याह— …
      • [sūtra] तदपि न ज्ञायते किं वृत्त…
      • [sūtra] संघाताद्यपि वृत्तजातिप्र…
      • [sūtra] कः पुनः सर्गबन्धो यस्याव…
      • [sūtra] किमाश्रयं तदित्याह— …
      • [sūtra] पुनः किं विशिष्टमित्याह—…
      • [sūtra] पुनर्विशेषयन्नाह— …
      • [sūtra] अलंकृतमसंक्षिप्त…
      • [sūtra] सर्वत्र भिन्नवृत…
      • [sūtra] ननु सर्वत्र महाकाव्ये चत…
      • [sūtra] अत्रेदं चिन्त्यते । कथमत…
      • [sūtra] द्वितीयं क्रममाह, यो भाम…
      • [sūtra] यत् पूर्वं काव्यशरीरं त्…
      • [sūtra] नायकेनैव वाच्यान…
      • [sūtra] किं तर्हि न युक्तमिति स्…
      • [sūtra] तदेवं तदुद्भाव्य परिहरन्…
      • [sūtra] आर्यादिवत् प्रवे…
      • [sūtra] ननु दण्डिकृतो विधिरस्ति,…
      • [sūtra] अयं तर्हि विशेष आख्यायिक…
      • [sūtra] यत्र तर्हि कवेरभिप्रायेण…
      • [sūtra] तदेवं लक्षणतः [प्रचि]न्व…
      • [sūtra] तदेवं शरीरभेदकृतं त्रैवि…
      • [sūtra] संस्कृतादीनां स्वरूपं प्…
      • [sūtra] किमत्रोत्कृष्टं प्राकृतम…
      • [sūtra] ननु सामान्यभाषापि प्राकृ…
      • [sūtra] अपभ्रंशः कतम इत्याह— …
      • [sūtra] संस्कृतं वाङ्मयं कतमदिति…
      • [sūtra] कथादिकं कथमित्याह— …
      • [sūtra] यदेतत्त्रिविधं काव्यशरीर…
      • [sūtra] इदानीमलङ्कारं तस्य निर्द…
      • [sūtra] किं लक्षणौ तौ को वाऽनयोः…
      • [sūtra] इति वैदर्भमार्गस…
      • [sūtra] इदानीं यथोद्देशमेषां निर…
      • [sūtra] यदि शैथिल्यं दुष्टमेवंवि…
      • [sūtra] प्रसादः कीदृश इत्याह— …
      • [sūtra] प्रसादविपर्ययमितरस्मिन् …
      • [sūtra] समत्वं निर्देशयन्नाह— …
      • [sūtra] अथ विजातीयबन्धत्वसङ्करस्…
      • [sūtra] यत्तर्हि पादे विजातीयवत…
      • [sūtra] तदेतद् गौडीयं निगमयन्नाह…
      • [sūtra] माधुर्यं निर्दिशन्नाह— …
      • [sūtra] न ज्ञायते कीदृशोऽसौ इति …
      • [sūtra] समानपदासत्तिमुदाहरन्नाह—…
      • [sūtra] अस्य समानश्रुतिलक्षणस्य …
      • [sūtra] कः पुनरसावनुप्रासो यो गौ…
      • [sūtra] यथाकथञ्चित्समानपदासत्तौ …
      • [sūtra] चारु चान्द्रमसं …
      • [sūtra] इष्टमनुप्रासमुदाहरन्नाह—…
      • [sūtra] अपरोऽप्यनुप्रासप्रकारोऽस…
      • [sūtra] इत्यादि बन्धपार…
      • [sūtra] अनुप्रासविशेषत्वात्तत्प्…
      • [sūtra] यदुक्तं वाचि वस्तुन्यपि …
      • [sūtra] कीदृशी तावद् ग्राम्यता य…
      • [sūtra] कीदृशं तर्हि वस्तुरूपमग्…
      • [sūtra] यथार्थो ग्राम्यस्तथा शब्…
      • [sūtra] अन्यः शब्दे ग्राम्यताप्र…
      • [sūtra] वाक्यार्थग्राम्यमुपहरति—…
      • [sūtra] भगिनीत्यादेः का गतिरित्य…
      • [sūtra] अनिष्ठुराक्षरप्र…
      • [sūtra] सुकुमारतामुदाहरन्नाह— …
      • [sūtra] प्रतिविशिष्टस्यानेकस्य क…
      • [sūtra] सौकुमार्यविपर्ययं गौडवर्…
      • [sūtra] अर्थव्यक्तिं व्याख्यातुम…
      • [sūtra] नेयमुदाहरन्नाह— …
      • [sūtra] नेयं सर्वैरेव नेष्यत इति…
      • [sūtra] उदारत्वं निर्दिशन्नाह— …
      • [sūtra] तदुदाहरन्नाह— अर…
      • [sūtra] कः पुनरिहोत्कर्षवान् गुण…
      • [sūtra] अपरप्रकारं दर्शयन्नाह— …
      • [sūtra] ओजः किंलक्षणमितिं निर्दि…
      • [sūtra] तस्यैव प्रकारान्तरं विषय…
      • [sūtra] पौरस्त्यानामोजःपद्यविषयम…
      • [sūtra] इति पद्येऽपि पौर…
      • [sūtra] कीदृशं तदित्युदाहरति— …
      • [sūtra] कान्तं विभजयन्नाह— …
      • [sūtra] तदुदाहरति— गृहाण…
      • [sūtra] अनयोरनवद्याङ्गि …
      • [sūtra] कीदृशं सम्भाव्यते येन सर…
      • [sūtra] गौडाभिमतं वार्ताभिधानं व…
      • [sūtra] देवधिष्ण्यमिवारा…
      • [sūtra] अल्पं निमिंतमाका…
      • [sūtra] किं तर्हीदमुच्यत इति आह—…
      • [sūtra] समाधिमधिकृत्याह— …
      • [sūtra] कुमुदानि निमीलन्…
      • [sūtra] कश्चिद्धर्मः गौणविषय एव …
      • [sūtra] तदुदाहरति— पद्मा…
      • [sūtra] इति हृद्यमहृद्यं…
      • [sūtra] गुरुगर्भेत्यादि— …
      • [sūtra] कियन्तोऽत्र धर्मा अध्यस्…
      • [sūtra] समाधिः सोऽयं व्यापकः सुभ…
      • [sūtra] तदेवं प्रस्फुटान्तरत्वं …
      • [sūtra] यदि तावत्सन्ति किं न वक्…
      • [sūtra] सेयं काव्यलक्षणप्रयोजनस्…
      • [sūtra] ननु केचिदेव सहजशक्तियुक्…
      • [sūtra] तदस्ततन्द्रैरनिश…
    • add2: Second Pariccheda (Arthālaṅkāra) अर्थालङ्कारो नाम द्वितीयः परिच्छेदः ।
      • [sūtra] वैशिष्ट्यमस्मिन् किमप…
      • [sūtra] यद्येवमानन्त्यात् कार्त्…
      • [sūtra] पूर्वं श्लेषादयः शब्दालङ…
      • [sūtra] यथोद्देशं निर्दिदिक्षुस्…
      • [sūtra] तत्र स्वभावोक्तिं तावन्न…
      • [sūtra] तुण्डैराताम्रकुट…
      • [sūtra] [क्रिं]यास्वभावोक्तिमुदा…
      • [sūtra] गुणस्वभावोक्तिं निदर्शयन…
      • [sūtra] द्रव्यस्वभावोक्तिमुदाहरत…
      • [sūtra] एवं स्वभावोक्तिं प्रतिपा…
      • [sūtra] स्वभावोक्त्यनन्तरोद्दि…
        • [sūtra] रूपकं निरूपयन्नाह— …
          • [sūtra] दीपकं परिदीपयन्नाह— …
            • [sūtra] आवृत्तिमधिकृत्याह— …
              • [sūtra] आक्षेपमुपक्षिपन्नाह— …
                • [sūtra] अर्थान्तरन्यासमुपन्यस्…
                  • [sūtra] व्यतिरेकमाविष्कुर्वन्ना…
                    • [sūtra] विभावनामुद्भावयन्नाह— …
                      • [sūtra] समासोक्तिं व्यक्तीकुर्…
                        • [sūtra] अतिशयोक्तिमादर्शयन्नाह…
                          • [sūtra] उत्प्रेक्षामालक्षयन्ना…
                            • [sūtra] सूक्ष्मलेशसाधारणप्राधा…
                              • [sūtra] सूक्ष्ममालक्षयन्नाह— …
                                • [sūtra] लेशमादर्शयन्नाह- यो लव…
                                  • [sūtra] क्रमं विवरीतुमुपक्रमते…
                                    • [sūtra] प्रेयोरसवदूर्जस्वीत्यल…
                                      • [sūtra] रसवदुदाहरन्नाह— …
                                        • [sūtra] ऊर्जस्वि निदर्शयन्नाह—…
                                          • [sūtra] अर्थमिष्टमनाख्…
                                            • [sūtra] समाहितमालक्षयन्नाह— …
                                              • [sūtra] उदात्तमादर्शयन्नाह— …
                                                • [sūtra] अपह्नुतिमधिकृत्याह— …
                                                  • [sūtra] क्रमप्राप्तं श्लिष्टं …
                                                    • [sūtra] विशेषोक्तिमाविष्कुर्वन…
                                                      • [sūtra] तुल्ययोगितां योजयन्नाह…
                                                        • [sūtra] विरोधं निदर्शयन्नाह— …
                                                          • [sūtra] अप्रस्तुतस्तोत्रमादर्श…
                                                            • [sūtra] व्याजस्तुतिमाधकृत्याह—…
                                                              • [sūtra] निदर्शनमुपदर्शयन्नाह— …
                                                                • [sūtra] सहोक्तिं परिवृत्तिं च …
                                                                  • [sūtra] परिवृत्तिं निदर्शयन्ना…
                                                                    • [sūtra] आशिषमाविष्कुर्वन्नाह— …
                                                                      • [sūtra] यत्र तेनैव तदुपमीयते स…
                                                                        • [sūtra] भाविकत्वमुद्भावयन्नाह—…
                                                                          • [sūtra] ये काव्यधर्माः शास्त्रान…
                                                                          • [sūtra] एवं यथाप्रतिज्ञातमलङ्कार…
                                                                        • add3: Third Pariccheda (Duṣkara) दुष्करो नाम तृतीयः परिच्छेद ।
                                                                          • [sūtra] तदेवमर्थालङ्कारं परिच…
                                                                            • [sūtra] वर्णानामेकरूपत…
                                                                              • [sūtra] प्रहेलिका अनुबध्नन्नाह…
                                                                                • [sūtra] एवं शब्दालङ्कारस्वभावाः …
                                                                                • [sūtra] अथ प्रतिज्…
                                                                                • [sūtra] एषां यथोद्देशं सनिर्देश…
                                                                                • [sūtra] तदुदाहरति— समुद्…
                                                                                • [sūtra] उत्सर्ग[त]स्त्वसम्भवमिदम…
                                                                                • [sūtra] एकवाक्ये प्रबन्ध…
                                                                                • [sūtra] जहि शत्रुकुलं कृ…
                                                                                • [sūtra] अस्यापवादं दर्शयन्नाह— …
                                                                                • [sūtra] तदुदाहरति— परदार…
                                                                                • [sūtra] अविशेषेण पूर्वोक…
                                                                                • [sūtra] उत्कामुन्मनयन्त्…
                                                                                • [sūtra] अत्राप्यपवादं व्युत्पादय…
                                                                                • [sūtra] तदुदाहरति— हन्यत…
                                                                                • [sūtra] निर्णयार्थं प्रय…
                                                                                • [sūtra] मनोरथप्रियालोकरस…
                                                                                • [sūtra] अत्राप्यपवादमाह— …
                                                                                • [sūtra] पश्याम्यनङ्गजातङ…
                                                                                • [sūtra] तद् विवृणोति— का…
                                                                                • [sūtra] उद्देशानुगुणोऽर्…
                                                                                • [sūtra] स्थितिनिर्माणसंह…
                                                                                • [sūtra] अत्राप्यपवादमभिधत्ते— …
                                                                                • [sūtra] बन्धुत्यागस्तनुत…
                                                                                • [sūtra] शब्दहीनमनालक्ष्य…
                                                                                • [sūtra] तदुदाहरति— अवते …
                                                                                • [sūtra] क्वचिदशब्दहीनेऽपि शब्दही…
                                                                                • [sūtra] तदेतन्मनसि कृत्याह— …
                                                                                • [sūtra] श्लोकेषु नियतस्थ…
                                                                                • [sūtra] स्त्रीणां सङ्गी*तव…
                                                                                • [sūtra] ननु नियतस्थानपदच्छेदो यत…
                                                                                • [sūtra] ईदृशमपि यदि श्रवणानुद्वे…
                                                                                • [sūtra] वर्णानां न्यूनता…
                                                                                • [sūtra] चतुष्टयमध्ये तद् यथाक्र…
                                                                                • [sūtra] *का*मेन बाणा निशित…
                                                                                • [sūtra] न संहितां विवक्ष…
                                                                                • [sūtra] तदुदाहरति— मन्दा…
                                                                                • [sūtra] देशोऽद्रिवनराष्ट…
                                                                                • [sūtra] चराचराणां भूताना…
                                                                                • [sūtra] तेषु तेष्वयथारूढ…
                                                                                • [sūtra] कर्पूरपादपामर्शस…
                                                                                • [sūtra] चोलाः कालागरुश्य…
                                                                                • [sūtra] कालविरोधमुदाहरन्नाह— …
                                                                                • [sūtra] कालविरोधमुपसंहरति— …
                                                                                • [sūtra] वीरशृङ्गारयोर्भा…
                                                                                • [sūtra] कलाविरोधमतिदिशन्नाह— …
                                                                                • [sūtra] लोकविरोधमुदाहरन्नाह— …
                                                                                • [sūtra] इति लौकिक एवायं …
                                                                                • [sūtra] कापिलैरसदुद्भूति…
                                                                                • [sūtra] न्यायविरोधं निगमयति— …
                                                                                • [sūtra] अनाहिताग्नयोऽप्य…
                                                                                • [sūtra] असावनुपनीतोऽपि व…
                                                                                • [sūtra] विरोधः सकलोऽप्ये…
                                                                                • [sūtra] तस्य राज्ञः प्रभ…
                                                                                • [sūtra] राज्ञां विनाशपिश…
                                                                                • [sūtra] दोलातिप्रेरणत्रस…
                                                                                • [sūtra] ऐन्दवादर्चिषः का…
                                                                                • [sūtra] प्रमेयोऽप्यप्रमे…
                                                                                • [sūtra] पञ्चानां पाण्डुप…
                                                                                • [sūtra] काव्यलक्षणं यथाप्रतिज्ञा…
                                                                                • [sūtra] दर्शिता नाम । किमतः इति …
                                                                            home
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                                                                            navigate_next

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                                                                            SARIT provides digital tools for philological research into Indic texts.

                                                                            ⓒ SARIT 2014

                                                                            Generating File...

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