त्रुट्यादियोग.

विविधमूत्ररुजामखिलाश्मरीमधिकशर्करया सह सर्वदा ।
शमयतीह निषेवितमंबुतत्त्रुटिशिलाजतुपिप्पालिकागुडैः ॥ ७३ ॥

भावार्थः--The Hindi commentary was not digitized.