रक्तपित्त असाध्य लक्षण

सश्वासकासबलनाशमदज्वरार्त ।
मूर्छाभिभूतमविपाकविदाहयुक्तम् ॥
तं वर्जयेद्भिषगसृक्परितप्तदेहम् ।
हिक्कान्विंत कुपितलोहितपूतिगंधिम् ॥ २९ ॥

भावार्थः--The Hindi commentary was not digitized.

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  1. कुपितं के स्थान में कुथित होवें तो अधिके अच्छा मालूम होता हैं ।