मूढगर्भका असाध्य लक्षण ।
वेदनाभिरतिविश्रुतमत्या--। ध्मानपीडितमतिप्रलपंतीं ॥
मूर्च्छयाकुलितमुद्गतदृष्टीं । वर्जयेदधिकमूढजगर्भाम् ॥ ५१ ॥
भावार्थः--The Hindi commentary was not digitized.
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