बातरोग का चिकित्सासूत्र ।
यत्र यत्र नियताखिलरोगः । तत्र तत्र विदधीत विधानम् ॥
तैललेपनविमर्दनयुक्त--। स्वेदनोपनहनैरनिलघ्नैः ॥ २ ॥
भावार्थः--The Hindi commentary was not digitized.
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