आठ प्रकार मूत्रकृछ्र.
अनिलपित्तकफैराखिलैः पृथक् । तदभिघातवशाच्छकृताथवा ।
प्रबलशर्करयाप्यधिकाश्मरीगणनिपीडितमूत्रमिहाष्टधा ॥ ५९ ॥
भावार्थः--The Hindi commentary was not digitized.
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