क्षयके नामांतरोकी सार्थकता.
क्षयकरणविशेषात्संक्षयस्स्याद्रसादे--।
रनुदिनमतितापैश्शोषणादेष शोषः ॥
नृपतिजनविनाशाद्राजयक्ष्मेति साक्षा--।
दधिगतबहुनामा शोषभूपो विभाति ॥ ४ ॥
भावार्थः--The Hindi commentary was not digitized.