कफनाशक, औषधियों के समुच्चय ।

यत्तिक्तं यच्च रूक्षं यदपि च कटुकं यत्कषांयं विशुष्कं ।
यत्क्षारं यच्च तीक्ष्णं यदपि च विशदं यल्लघुद्रव्यमुष्णं ॥
तत्तत्सर्वं कफघ्नं रसगुणमसकृत्सम्यगास्वाद्य सर्वं ।
योज्यं भोज्येषु दोषक्रममिममवगम्यातुराणां हितार्थम् ॥ १७ ॥
32 187

भावार्थः--The Hindi commentary was not digitized.

  1. तुगमवि बहुलां इति पाठांतरं । इसके अनुसार दालचीनी की जगह वंशलोचंन ग्रहण करना चाहिये । लेकिन वंशलोचन बोधक तुगा शब्द है । तुग नहीं है । तुगशब्द से अन्य किसी औषधका बोध नहीं होता है । तथा तालीसादि चूर्णमें वंशलोचन आता है । वह कफ नाशक भी हैं । इसलिये इस को ग्रहण कर सकते हैं ।