परोसे हु+ए अन्न की परीक्षा व हातमुखगत विषयुक्त अन्न का लक्षण.

विनिहितभोजनोर्ध्वगतबाष्पयुताक्षियुगं--।
भ्रमति स नासिकाहृदयपीडनमप्यधिकम् ॥
करधृतमन्नमाशु नखशातनदाहकरं ।
मुखगतमश्मवच्च कुरुते रसनां सरुजाम् ॥ ९ ॥

भावार्थः--The Hindi commentary was not digitized.